Time Report Amroha : हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी रहमतुल्लाह अलेह वालियों के सरदार हैं। उनका मर्तबा वालियों में बहुत बुलंद है। वालियों के बताए हुए रास्ते पर चलकर जिंदगी और आखिरत दोनों संवर जाती हैं। यह बात हाफिज अफसर ने कही।
अमरोहा के कस्बा उझारी के मोहल्ला सादात स्थित अंजुमन गुलामान ए मुस्तफा के कार्यालय पर बड़ी 11वीं शरीफ के अवसर पर नियाज़ का एहतमाम किया गया। प्रोग्राम को किताब फरमाते हुए हाफिज अफसर अली कस्सार ने कहा कि ‘वली’ अल्लाह के दोस्त होते हैं। दोस्त की बात को दोस्त कभी टाला नहीं करते, इसलिए वली ए किराम जो भी दुआ करते हैं अल्लाह ताला उसको कुबूल फरमाता है। अल्लाह की अता की हुई ताकत से वली करामात ज़ाहिर करते हैं।
हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी रहमतुल्ला अलेह की पैदाइश जीलान नामक स्थान पर एक रमजान, 470 हिजरी को हुई थी। आपके वालिद का नाम अबु सालेह था। जो इमाम हसन अलैहिस्सलाम के वंशज थे। हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी रहमतुल्ला अलेह की माता का नाम फातिमा था। जो हजरत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की वंशज थीं। इस प्रकार हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अपने वालिद और वालिदा दोनों की तरफ से ही सैयद थे। आपने उच्च शिक्षा प्राप्त की और लोगों को नेक रास्ता दिखाया।
प्रोग्राम में नियाज़ और सलातो सलाम के बाद मुल्क एवं कौम की तरक्की के लिए दुआ कराई गई। इस मौके पर मुख्य रूप से दिलशाद हुसैन, अलाउद्दीन सैफी, रहीमुद्दीन साबरी, शाकिर मसऊदी, इरशाद सलमानी, मैराज अली, निजामुद्दीन सैफी, शहाबुद्दीन सैफी, मौ० आबिद, अक़िल मसऊदी, डॉ० नदीम मलिक, मिस्त्री फुरकान सैफी, डॉ० साहिल कस्सार, नाजिम अलवी, रईस अहमद कस्सार, रईसउद्दीन सैफी, शकील सैफी आदि भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। नगर में पूरे दिन नियाज़ व नज़र का सिलसिला चलता रहा।