भाकियू शंकर ने कलेक्ट्रेट पर किया जोरदार धरना – प्रदर्शन, अफसरों को सौंपा विभिन्न मांगों का ज्ञापन

Time Report Amroha : भारतीय किसान यूनियन (शंकर) के सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने (सोमवार) को कलेक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाज़ी की है। संगठन के द्वारा अपनी विभिन्न मांगों के निस्तारण को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा है।

भाकियू शंकर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह के नेतृत्व में संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाज़ी की। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह ने कहा कि सूबे की योगी सरकार किसान व आम जनता के हित में सराहनीय कार्य कर रही है। किसानों के ट्यूबवेल की बिजली फ्री करने के साथ ही अब घरेलू उपभोगताओं के विद्युत बिलों में एकमुश्त समाधान ओटीएस योजना 15 दिसम्बर से लागू कर दी है। जिसका हमारा संगठन स्वागत करता है लेकिन प्रशासनिक स्तर पर भ्र्ष्टाचार होने के चलते सभी लोगों को पूर्ण रूप से लाभ नहीं मिल पा रहा है।

वहीं प्रदेश भर के 20 जनपदों में 956 प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की शाखाओं के द्वारा कई लाख किसान कार्डों पर दूसरी बैंकों से ज्यादा ब्याज वसूला जा रहा है, साथ ही नया केसीसी बनवाने पर प्राइवेट बीमा के रूप में करोड़ों रुपये जनता से वसूले जा रहे हैं व 300 रुपये का स्टाम्प भी लिया जा रहा है। उक्त बैंकों में बड़े स्तर पर भ्र्ष्टाचार व्याप्त है जिसकी जांच कराकर दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विगत 8 वर्षों में सरकार ने मात्र 55 रुपये गन्ना मूल्य की वृद्धि की है, जिस कारण पश्चिमी यूपी के किसानों में भारी रोष व्याप्त है, चीनी मिलों को चलते हुए आज 47 दिन बीत चुके हैं लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते अभी तक गन्ना मूल्य की घोषणा नहीं की गई है।निकटवर्ती राज्य हरियाणा में भी डबल इंजन की सरकार ने पिछले वर्ष के पेराई सत्र में 400 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य घोषित कर दिया है। हमारी मांग है कि वर्तमान पेराई सत्र के लिएं यूपी सरकार को कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य घोषित करना चाहिए।

गन्ना मूल्य केवल चीनी के आधार पर नहीं वरन अन्य सह उत्पाद जैसे एथनॉल बिजली कागज़ आदि से होने वाले लाभ को दृष्टि में रखकर घोषित किया जाए। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख से बढ़कर 10 लाख रुपये किया जाए साथ ही देश के अन्नदाता को एक बार कर्जमुक्त किया जाए, जब मोदी सरकार देश के उद्योगपतियों के कर्ज़ माफ़ कर सकते हैं तो फ़िर किसानों के साथ इस तरह का सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। गन्ने पर भी बड़े शोध की आवश्यकता है साथ ही 0238 गन्ना प्रजाति के विकल्प के तौर पर PB 95 व 11015 गन्ना प्रजाति को स्वीकृत किया जाना किसान हित में आवश्यक है।

विद्युत विभाग में फैले भ्र्ष्टाचार पर बोलते हुए कहा कि स्मार्ट विधुत मीटर पहले ही प्रक्षिक्षण में ख़राब साबित हो चुके हैं और हमारा संगठन इन्हें किसी भी कीमत पर लगने नहीं देगा, घरेलू विधुत उपभोक्ताओं के करीब आधे से ज्यादा मीटरों में गड़बड़ी के चलते अधिक बिल दर्शाकर उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण किया जा रहा है जिसे अभियान चलवाकर तत्काल बदलवाया जाए।

जनपद के समुचित व समग्र विकास के लिएं ट्रामा सेंटर की स्थापना के साथ ही तिगरी धाम में गंगा रिवर फ्रंट बनाते हुए इसे पर्यटक स्थल घोषित किया जाए , इसके साथ ही यहां पर 10 बेड के एक विधुत शवदाह गृह का भी निर्माण किया जाना आवश्यक है। प्रदेश भर के किसानों की खतौनी में दर्ज़ त्रुटियों को अभियान चलाकर सही कराया जाए।

जल मिशन योजना में किये जा रहे गड़बड़ घोटाले की जांच कराकर दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। इसके साथ ही छुट्टा व आवारा गौवंशीय पशुओं के द्वारा दुर्घटना में मृतक आश्रितों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जायेंगीं तब तक भाकियू शंकर लगातार आंदोलन करता रहेगा।

इस दौरान जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह, चौधरी धर्मवीर सिंह, जगत सिंह चौहान, सतपाल सिंह, सत्यवीर सिंह, डॉ भाग सिंह, राकेश रतनपुर, समरपाल सैनी, अनिल भटनागर, हरि सिंह प्रधान, मुजफ्फर अली, राजपाल सिंह, जॉनी, निजाम प्रधान, रशीदा, जानी, पूनम चौधरी, मंजीत कौर,बबिता रानी, अशोक चौधरी, जरीना रानी, सतवीर, शाहजहां, पिंकी,राजबाला , राजिन्दरी, पुष्पा गुप्ता, लक्ष्मी, संतोष चौधरी व खुशबू समेत सैकड़ो कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजूद रहे।

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