इकरामुद्दीन मलिक, Time Report Amroha : मंगलवार को विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान अमरोहा सदर विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री महबूब अली ने प्रदेश के 25 हजार बंद आधुनिक मदरसों (Madarsa) के शिक्षकों का बकाया मानदेय व उनके समायोजन का जोरदार तरीके से मुद्दा उठाया। जिसके जवाब में सरकार ने साफ कहा कि प्रदेश सरकार के पास मदरसा शिक्षकों के समायोजन की कोई योजना नही हैं।
अमरोहा सदर से विधायक महबूब अली ने विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 1993-94 से मदरसा आधुनिककरण योजना संचालित थी। वर्ष 2008 से इस योजना को स्कीम फ़ॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजूकेशन इन मदरसा (SPQEM) नाम से संचालित किया जा रहा था।
आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत प्रदेश में कुल 7292 मदरसे संचालित थे। और इनमें 24523 आधुनिक मदरसा शिक्षक कार्यरत थे लेकिन एक झटके में ही प्रदेश सरकार ने मदरसों को बंद कर दिया। जिससे करीब 25 हजार शिक्षक (Teacher) बेरोजगार हो गए। साथ ही इन शिक्षकों का 56 महीने का मानदेय भी बकाया लंबित हैं।
महबूब अली ने कहा कि शिक्षकों व उनके परिवारों का दर्द समझना राज्य सरकार की जिम्मेदारी हैं। सरकार को शिक्षकों के समायोजन के बारे में सोचना चाहिए साथ ही लंबित मानदेय शीघ्र दिलाया जाए।
सुनिए सरकार का जवाब….
उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने मंगलवार को विधानसभा में महबूब अली के उत्तर का जवाब देते हुए कहा कि सरकार के पास मदरसा शिक्षकों के समायोजन को लेकर कोई योजना लंबित नही है। सरकार बेरोजगार शिक्षकों के समायोजन पर कोई विचार नहीं करेगी।